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लेखक:

आनंद प्रकाश जैन
जन्म: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद के कस्बा शाहपुर में 15 अगस्त, 1927 को।

पहली कहानी ‘जीवन नैया’ सरसावा से प्रकाशित मासिक ‘अनेकांत’ में सन् 1941 में प्रकाशित हुई। श्री जैन ने अनेक पत्र-पत्रिकाओं का कुशल संपादन किया। वे सन् 1959 से 1974 तक तत्कालीन समय की प्रसिद्ध बाल पत्रिका ‘पराग’ के संपादक रहे। इसके अतरिक्त ‘चंदर’ उपनाम से अस्सी से अधिक रोमांचकारी उपन्यासों का लेखन किया। अनेक ऐतिहासिक और सामाजिक उपन्यास लिखे जिनमें प्रमुख हैं—
  • कठपुतली के धागे
  • तीसरा नेत्र
  • कुणाल की आँखें
  • पलकों की ढाल
  • आठवीं भाँवर
  • तन से लिपटी बेल
  • अंतर्मुखी
  • ताँबे के पैसे
  • आग और फूस
उन्हें अपने इस सामाजिक उपन्यास ‘आग और फूस’ पर उत्तर प्रदेश सरकार का श्‍लाघनीय पुरस्कार प्राप्‍त हुआ।

अतीत के कंपन

आनंद प्रकाश जैन

मूल्य: Rs. 200

भारतीय इतिहास के विविध कालों से संबद्ध ऐतिहासिक कहानियाँ।   आगे...

आग और फूस

आनंद प्रकाश जैन

मूल्य: Rs. 200

एक समकालिक उपन्यास...   आगे...

 

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